कल रात आया मेरे घर एक चोर राख बोला दे दे मुझे जो भी तेरा है मैंने बोला मेरी जीत भी ले जा मेरी हार भी ले जा मेरा डर भी ले जा मेरा घर भी ले जा मेरे ख्वाब भी ले जा मेरे राज भी ले जा मेरा गम
भी ले जा हर जखम भी ले जा मेरी जात भी ले जा औकात भी ले जा मेरी बात